आइए, जानते हैं कैसा होना चाहिए संतुलित बजट

Newsman update आने वाले साल के लिए कमाई और खर्चे की योजना बजट कहलाती है। देश के बजट में कई स्रोतों से आने वाले पैसे और तरह-तरह के मदों में होने वाले खर्च की विस्तृत योजना पेश की जाती है और इसके साथ ही ये भी तय होता है कि अगले साल सरकार टैक्स की दरें क्या रखेगी।घर का बजट भले ही घरवाली संभाल लेती है लेकिन देश का बजट संभालने के लिए पूरा वित्त विभाग होता है और कई महीनों के मेहनत के बाद वो बजट तैयार करता है। इतनी व्यापक तैयारी इसलिए करनी पड़ती है क्योंकि सरकार के पास कमाई के कई स्रोत हैं खर्च के सैकड़ों रास्ते। जितने तरह के लोग हैं उतनी तरह की डिमांड। कोई टैक्स कम कराना चाहता है तो कोई ज्यादा सब्सिडी चाहता है। सबक अपेक्षाओं का ख्याल रखना बहुत मुश्किल होता है।

सारी कवायद (exercise) की जरूरत इसलिए पड़ती है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था (economy) को पटरी पर रखा जा सके। क्योंकि अगर आमदनी और खर्च की कोई योजना नहीं होगी, तो संभव है कि खर्चे, आमदनी के के मुकाबले बहुत ज्यादा भी हो जाएं। ऐसा हुआ तो, देश की अर्थव्यवस्था ठप (shutdown) होने के कगार पर पहुंच सकता है।ज्यादा दूर मत जाइए, अपने घर-परिवार के मामले में भी आपने ऐसा महसूस किया होगा। अगर आप अपनी कमाई के हिसाब से घर का Budget बनाकर चलते हैं तो खुद को आर्थिक रूप से ज्यादा संतुलित (Balanced) और आश्वस्त (confident) महसूस करते हैं। इसके उलट, जो लोग अपना Budget बनाकर नहीं चलते हैं, वे अक्सर आर्थिक परेशानी में घिरे रहते हैं और कभी-कभी तो भयंकर कर्ज (Debt) के बोझ में लद जाते हैं। यही बात देश या राज्य के मामले में भी लागू होती है। अगर देश की वित्तीय स्थिति (Financial Condition) को ठीक रखना है तो उसे एक बेहतर (Budget) बजट बनाना ही चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *