हर बार की तरह गुरुवार को एक बार फिर निरीक्षण के लिए पहुंचे डीजीपी को सब कुछ ओके मिला। अफसरों के ‘चश्मे’ से उन्होंने मेला पुलिस की ओर से की गई तैयारियों को परखा और कम से कम मेला अफसरों का तो यही दावा है कि वह तैयारियों से संतुष्ट हैं। हालांकि बैरकों में अव्यवस्था और ट्रैफिक मैनेजमेंट में खामी पर उनकी नजर नहीं पड़ी।
डीजीपी ओपी सिंह बृहस्पतिवार को एक बार फिर शहर में थे। शाम पांच बजे के करीब डीजीपी पुलिस लाइन पहुंचे। यहां से वह सीधे संगम पहुंचे और मोटरबोट में बैठकर संगम क्षेत्र का जायजा लिया। यहां से डीजीपी आईट्रिपलसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) पहुंचे और यहां निरीक्षण किया। इसके बाद वह टेंट सिटी पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।
मेला अफसरों का दावा है कि डीजीपी पुलिस विभाग की तैयारियों से संतुष्ट दिखे। उनकी नजर में सब कुछ ओके रहा। हालांकि हैरानी की बात है कि निरीक्षण के बाद भी पुलिस बैरकों में अव्यवस्था व ट्रैैफिक मैनेजमेंट की खामी पर उनकी नजर नहीं पड़ी।
बता दें कि बैरकों में अब भी अव्यवस्था का आलम है। यहां तक कि लाइन में भी अब तक तैयारियां अधूरी हैं। अरैल स्थित लाइन में अब तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
उधर ट्रैफिक मैनेजमेंट में खामी पिछले दिनों ही सामने आ चुकी है। अफसरों के बीच खुद सामंजस्य की कमी है यही वजह है कि मातहतों में भी भ्रम की स्थिति है। पिछले दिनों एसपी ट्रैफिक ओपी सिंह ने कहा था कि एक तारीख से मेला में चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। इसके बावजूद मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों का प्रवेश हुआ और नतीजा यह हुआ कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ पूरा शहर भीषण जाम की चपेट में रहा।
उधर एसपी ट्रैफिक के बयान के उलट डीआईजी पहले पांच दिसंबर से ट्रैफिक डायवर्जन लागू होने की बात कहते रहे। हालांकि बृहस्पतिवार को उन्होंने कहा कि डायवर्जन आठ दिसंबर से लागू करने की प्लानिंग है।
पैरामिलिट्री फ़ोर्स जवानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
संगम से लौटने के बाद डीजीपी ने मेला लाइन में पैरामिलिट्री जवानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। उनसे कहा कि मेले मेें श्रद्धालुओं से पूरी विनम्रता के साथ पेश आएं। उनका व्यवहार ही विश्व भर में यूपी पुलिस की छवि को बनाएगा।