कानपुर – सूत्रों के अनुसार, 60 फीसदी रोगी पहली बार जांच में ब्लड प्रेशर बढ़ा आने पर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ब्लड प्रेशर को गंभीरता से न लेने पर वे दवाएं भी नहीं लेते। मस्तिष्क, गुर्दों और शरीर के दूसरे अंगों पर जब इसका प्रभाव पड़ने लगता है और तकलीफ बढ़ती है तब वे दूसरे रोगों के साथ ब्लडप्रेशर की दवाएं लेना शुरू करते हैं। इस वजह से उन्हें अचानक हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। यह बात कानपुर में मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के अलग-अलग ओपीडी सैंपल सर्वे में उजागर हुई है। अगर रोगी पहली बार ब्लडप्रेशर बढ़ने पर सचेत हो जाएं तो हार्ट और ब्रेन अटैक का खतरा टल सकता है। हाई ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने से अचानक खून का थक्का जमने और आर्टरी (धमनी) से खून का बहाव बंद होने से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक दोनों का खतरा रहता है। खासतौर पर जाड़े में ठंडक से नसों और धमनियों के सिकुड़ने से खून का बहाव थमने लगता है जिससे थक्का जमने का अंदेशा रहता है। हृदय रोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने बताया कि जब भी जांच में ब्लड प्रेशर बढ़ा आए तो रोगी को दवा लेनी चाहिए। इससे दूसरे अंग खराब होने से बच जाएंगे।
बीपी बढ़ा निकले तो यह करें
1- पता चलने पर कि हाई ब्लड प्रेशर है, डॉक्टर की सलाह पर दवा शुरू करें।
2- डॉक्टर की सलाह लिए बिना अपने मन से बीपी की दवा न छोड़ें।
3- बीच-बीच में बीपी नपवाएं, सामान्य होने की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।